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44 महाभारत के अनमोल विचार Plus Mahabharat Quotes in Hindi: Inspirational Verses for Wisdom and Life Lessons

Explore a rich collection of Mahabharat quotes in Hindi, offering profound wisdom, life lessons, and timeless insights. Immerse yourself in the epic teachings and discover the essence of this ancient scripture. Dive into the world of Mahabharat wisdom for inspiration and guidance in Hindi.

Best Mahabharat Quotes in Hindi

धृतराष्ट्र: का यह जीवन है, अगर तुम धर्म का पालन करोगे तो तुम्हारी जीत होगी।

जो व्यक्ति सीखने को तैयार नहीं है, वह समय के साथ हार जाता है।

कर्म का फल केवल भगवान को ही पता चलता है, हमें सिर्फ कर्म करना चाहिए।

धर्म वह है जो तुम्हें सच्चे मार्ग पर चलाए, चाहे सारा संसार तुम्हारे खिलाफ क्यों ना हो।

अहंकार में डूबे व्यक्ति का बुद्धि विक्षिप्त हो जाता है और वह अपने दोषों को नहीं देख पाता है।

कर्म का फल केवल कर्ता को नहीं, बल्कि उसके भावनाओं को भी प्रभावित करता है।

जिसने अपने आत्मा को जीता, वही वास्तविक सेनापति है।

जो कभी हार नहीं मानता, वह सच्चा वीर है।

अपने कर्तव्यों को निभाने में विफल होना बेहतर है चाहे उसमें सफलता ना हो।

जीवन में सफलता पाने के लिए आत्म-नियंत्रण बहुत आवश्यक है।

जिसे धर्म और कर्म में विश्वास हो, वही असली महान व्यक्ति है।

कर्म का सीधा फल नहीं मिलता, परंतु धर्मपरायण होने पर भगवान की कृपा हमेशा मिलती है।

अपने कर्म में लगाव रखो, फल में नहीं।

जो व्यक्ति समस्त जीवों के प्रति दयालु है, उसे हमेशा सफलता मिलती है।

आत्मा को जानने से ही सच्चा ज्ञान होता है।

सच्ची मित्रता और विश्वास भाग्यशाली लोगों के लिए होती है।

किसी से भी दुश्मनी मत करो, क्योंकि किसी का भी अच्छा-बुरा समय के साथ पता चलता है।

जो अपने कर्मों के लिए प्रसिद्ध होता है, वही असली योद्धा है।

अपनी अच्छाई को दुनिया से छुपाने की कोशिश न करो, क्योंकि समय आने पर वह खुद बोलती है।

किसी भी स्थिति में सही और धार्मिक रास्ते पर चलना चाहिए।

जो व्यक्ति समय पर अपनी गलतियों को स्वीकार कर लेता है, उसे हमेशा मौका मिलता है सुधारने का।

जिसे अपने कर्मों में सफलता मिलती है, वह धन्य है।

जिसने सीख लिया है कि कैसे हार को स्वीकार करना है, वह हमेशा जीतता है।

सच्चा विक्रमी वह है जो अपने आत्मा को जीत लेता है।

कर्म का फल चाहे जैसा भी हो, हमें उससे जुड़े रहना चाहिए।

जिसने अपनी इच्छाशक्ति को जाना है, वह हमेशा सहारा पाता है।

जो व्यक्ति अपने कर्मों में भक्ति से जुड़ा होता है, उसे हमेशा प्रभु की कृपा मिलती है।

जिसने अपनी मनोबल को कंट्रोल किया है, वह हमेशा शक्तिशाली रहता है।

कर्म का सीधा फल नहीं मिलता, परंतु कर्म करना हमेशा चाहिए।

जो व्यक्ति अपनी मेहनत में लगा हुआ है, उसे हमेशा सफलता मिलती है।

जो व्यक्ति दुसरों के लिए कुछ करता है, उसे भगवान की कृपा हमेशा मिलती है।

किसी के साथ भलाई करने में देरी न करो, क्योंकि समय नहीं रुकता।

जो व्यक्ति अपने उद्दीपन को खो बैठता है, वह दुनिया के सामंती होता है।

जिसने अपनी शक्तियों को सही दिशा में लगा दी है, वह हमेशा सफल होता है।

जो व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध है, उसे कोई भी रोक नहीं सकता।

जो अपने कर्मों में समर्पित है, वह हमेशा प्रभु की रक्षा में होता है।

कर्म का फल जो कुछ भी हो, हमें उसे स्वीकार करना चाहिए।

जो व्यक्ति अपनी जिम्मेदारीयों का सामर्थ्यपूर्णता से निर्वाह करता है, वह हमेशा सफल होता है।

जिसने अपने मन को शांति में रखा है, वह हमेशा खुश रहता है।

कर्म करो, फल की चिंता मत करो।

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

जीवन का सबसे बड़ा शत्रु अहंकार है।

अपने को जानने से ही व्यक्ति असली बुद्धिमान बनता है।

जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों का पालन करता है, वही सच्चा मानव है।

कर्म में योग है, योग में कर्म नहीं।

धर्म का पालन करने वाला हमेशा जीतता है, चाहे हालात जैसे भी हों।

जो व्यक्ति अपनी आत्मा को जीत लेता है, वही सच्चा योद्धा है।

कर्म का महत्व सिर्फ फल में नहीं, बल्कि कर्म में भी है।

आत्मा को पहचानना ही विजय का मार्ग है।

जो व्यक्ति आपके साथ अच्छा व्यवहार करता है, उससे भलाई करो, चाहे उसका व्यवहार जैसा भी हो।

जो अपने प्रति सच्चा है, वही दूसरों के प्रति भी सच्चा होता है।

कर्मयोगी वह है जो अपने कर्मों को ईश्वर के लिए करता है।

जो व्यक्ति अपने बुरे कर्मों को छोड़ देता है, वही सच्चा साधु है।

अपने संगठन को अच्छे से चलाने के लिए नेतृत्व की आवश्यकता होती है।

धर्म का पालन करने से ही समाज में शांति बनी रहती है।

जो व्यक्ति दूसरों की मदद करने के लिए तैयार है, वही सच्चा मित्र है।

किसी भी समस्या का समाधान विवेकपूर्णता से ही हो सकता है।

जो व्यक्ति आत्मनिर्भर है, वही असली स्वतंत्र है।

कर्मठ व्यक्ति हमेशा अग्रणी बना रहता है।

जो व्यक्ति धर्म का पालन करता है, उसे कभी भी निराशा नहीं होती।

सत्य पर चलने वाले को हमेशा समर्थन मिलता है।

जो व्यक्ति अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखता है, वही आगे बढ़ता है।

कर्मों में यदि नीति हो, तो सफलता अवश्य मिलती है।

जो व्यक्ति समय का सही उपयोग करता है, उसे हमेशा सफलता मिलती है।

आत्मा को बुद्धिमानी से भरना ही असली शिक्षा है।

किसी से भी ईमानदारी से रहो, क्योंकि ईमानदारी का मूल्य अगले समय मालूम होता है।

जो व्यक्ति अपने मन को शांति में रखता है, वह हमेशा सुखी रहता है।

कर्मयोगी वह है जो बिना आसक्ति के कर्म करता है।

जो व्यक्ति अपने उद्दीपन को बनाए रखता है, वह सदैव उज्ज्वल रहता है।

कर्मयोगी वह है जो अपने कर्मों को आदर्श तरीके से करता है।

जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित करता है, वही सच्चा योगी है।

कर्म का फल नहीं, उसमें जुड़े भावनाओं में होता है।

जो व्यक्ति अपने कर्मों में निष्ठा से जुटा है, उसे सफलता हमेशा मिलती है।

धर्म का पालन करने वाला हमेशा ईमानदार रहता है।

जो व्यक्ति अपने आत्मा को जीतता है, वही वास्तविक विजयी है।

कर्मयोगी वह है जो अपने कर्मों में आत्मा को प्रगट करता है।

जो व्यक्ति सद्गुणों में स्थिर रहता है, उसे सदैव आत्मा का आनंद होता है।

कर्मयोगी वह है जो कर्म करता है, लेकिन उसका आसक्ति में मोह नहीं होता।

जो व्यक्ति अपने कर्मों में सहयोग करता है, उसे हमेशा समर्थन मिलता है।

किसी के साथ भलाई करने में देरी न करो, क्योंकि समय कभी भी बदल सकता है।

महाभारत के अनमोल विचार | Mahabharat Quotes In Hindi

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